Saubhagyavati Bhava 2 25th November 2023 Written Episode Update in Hindi
Saubhagyavati Bhava 2 25th November 2023 Written Episode Update in Hindi – एपिसोड की शुरुआत विराज द्वारा सभी को यह बताने से होती है कि सब कुछ नियंत्रण से बाहर हो गया था लेकिन अब सब कुछ नियंत्रण में है।
वह ख़ुशी से चिंता न करने के लिए कहता है और कहता है कि तुम्हारे पिताजी यहाँ हैं और तुम्हें और तुम सभी को कुछ नहीं होगा। वह कहता है कि जो कुछ भी होगा वह अच्छा नहीं होगा, अगर वे उसे मार देंगे, तो राघव तुम्हें और तुम्हारी माँ को मार डालेगा।
वह कहता है मैं तुम्हारे बिना कैसे रहूँगा। उन्होंने कहा कि यह जिंदगी है, इसकी भविष्यवाणी करना कठिन है और आपको किसी भी चीज के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि आज के युग में आप यह सीख रहे हैं, लेकिन यही जीवन है।
उन्होंने कहा कि यह आपको एक शरारती लड़की की तरह गुदगुदी करती है, या आपको पागल की तरह डराती है, या आपको नाचने पर मजबूर कर देती है। उन्होंने कहा कि आप अंततः कुछ सीखेंगे। उन्होंने सभी से कहा कि वे जानते हैं कि उन्हें क्या जवाब देना चाहिए।
सिया ने कहा कि काम अभी पूरा नहीं हुआ है और कठिन हिस्सों पर अभी भी काम करने की जरूरत है। वह कहती है कि अब मैं आप सभी से छिपूंगी नहीं बल्कि सच बताऊंगी क्योंकि इससे हमें डर भी लगेगा और हमें ताकत भी मिलेगी क्योंकि हमें डर के खिलाफ लड़ना है।
विराज ने कहा कि उन्हें अपने भविष्य की खातिर ऐसा करना पड़ा। सिया का कहना है कि हम वही जीवन जिएंगे जो हम चुनेंगे। विराज कहते हैं हम आज से शुरुआत करेंगे। उन्होंने एक-दूसरे का हाथ पकड़ रखा था।
सिया पिछली बार कहती है।।।वह कहती है कि हम घर पर हैं, जब घंटी बजती है, हम दरवाजा खोलते हैं और राघव को देखते हैं। राघव ने मुझे धमकाया तो मैंने तुम सबको बेडरूम में भेज दिया। उसने कहा फिर तुमने मेरी और राघव की आवाज सुनी और डर गए, तुम पुलिस को बुलाना चाहते थे लेकिन तुम्हारा फोन हॉल में था।
उन्होंने कहा, फिर गोलियां चलाई गईं और पुलिस आ गई। वो बोली फिर मैं दरवाज़ा खोलने आया। विराज कहते हैं कि आप केवल इसी क्रम में कह सकते हैं और कुछ भी नहीं जोड़ सकते।
Saubhagyavati Bhava 2 25th November 2023 Written Episode Update in Hindi
सिया कहती है कि कोई नहीं डरेगा। विराज को मुखबिर का फोन आता है और वह सिया और अन्य को बताता है कि रिया को मामले से स्थानांतरित कर दिया गया है और एक अधिक प्रभावशाली पुलिस अधिकारी डीसीपी अविनाश सक्सेना को मामला सौंपा गया है और वह यहां आएंगे। सिया कहती है चलो चलें।
विराज का कहना है कि अगर हम कहीं भी जाएंगे तो डीसीपी संदेह के घेरे में आ जाएंगे। तभी डीसीपी आए और उन्होंने दरवाजे की घंटी बजाई। सिया दरवाजा खोलती है और पूछती है कि तुम कौन हो?
डीसीपी पुलिस के साथ अंदर आते हैं। वह कहता है कि घर अच्छा है और पूछता है कि दुर्गंध क्यों आ रही है और पूछता है कि क्या उन्होंने शव छुपाया था। विराज का कहना है कि एसीपी ने सिया के परिवार के लिए परेशानी पैदा कर दी है और पूछता है कि वह उन्हें परेशान करने क्यों आ रहा है?
डीसीपी कहते हैं विराज, यह जांच है, इसके बारे में आपके कुछ सवाल हैं। विराज का कहना है कि मुझे टॉर्चर से दिक्कत है। अविनाश ने कहा कि वह कानून के लिए काम करते हैं और अगर कोई कानून तोड़ता है तो वह कानून के मुताबिक काम नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने पुलिस से घर की तलाशी लेने को कहा। विराज का कहना है कि कोई सर्च वारंट नहीं है? डीसीपी ने कहा कि वह डीसीपी हैं और किसी वारंट की जरूरत नहीं है। सिया सोचती है कि उसके परिवार को कोई कष्ट नहीं होगा और उन्हें राघव का शव कभी नहीं मिलेगा।
डीसीपी ने पूछा क्या हुआ और कुर्सी पर बैठ गये। हर कोई पहले से ही कुर्सियों पर बैठा है। सिया बताती है कि राघव आ रहा है। दादी राघव से हमें धमकी देने के लिए कहती है। राघव की माँ का कहना है कि सिया ने हमें कमरे में बंद कर दिया। सिया कहती है कि उसे चिंता है कि राघव उन्हें चोट पहुँचाएगा।
डीसीपी का कहना है कि मैं उससे पूछ रहा हूं। सिया कहती है कि आपको वही उत्तर मिलेगा। तुषार का कहना है कि हम पुलिस को बुलाना चाहते थे लेकिन हमारे फोन बाहर थे। डीसीपी ने ख़ुशी से पूछा कि उसने क्या सोचा?
ख़ुशी तनावग्रस्त हो जाती है। विराज का कहना है कि मेरी बेटी सदमे में है। डीसीपी का कहना है कि मैं इसे देख सकता हूं, लेकिन क्यों? सिया का कहना है कि जब एसीपी पहुंचे तो राघव उस पर गोली चला रहा था और इसी वजह से खुशी को आघात लगा। डीसीपी ने पूछा कब आये?
विराज का कहना है कि राघव मेरे आने से पहले भाग गया था, नहीं तो।।। डीसीपी ने कहा कि तुमने उसे मार डाला होता। विराज कहता है मैं कर सकता हूँ। डीसीपी उसका काम आसान कर देता है और पूछता है कि राघव जीवित है या मर गया।
सिया ने डीसीपी से यह बताने को कहा कि वह जीवित है, मृत है या गिरफ्तार है। राघव का शव डाइनिंग टेबल के नीचे छिपा दिया गया था। पुलिस ने आकर बताया कि कोई शव नहीं मिला है। इंस्पेक्टर ने आकर बंदूक का डिब्बा दिया और कहा कि उन्हें बंदूक नहीं मिल रही है। डीसीपी ने कहा बहुत दिलचस्प। उसका पेन नीचे गिर गया। उसने झुककर पेन उठा लिया।
सिया ने पेन उठाया और उसे दे दिया। उन्होंने कहा कि आपने एक अच्छी कहानी बताई है, जिसमें एक्शन, ड्रामा, इमोशन है, लेकिन कोई क्लाइमेक्स नहीं है।
टेबल के ऊपर बंद राघव के शरीर से टेप खुल जाता है और शरीर गिर जाता है लेकिन सभी लोग उसके शरीर को अपने पैरों से पकड़ कर रखते हैं। डीसीपी सिया से अपना घर सुरक्षित बनाने के लिए कहता है और चला जाता है। उन्होंने शव को फर्श पर रख दिया।
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